108 Holy Names of Mahāvatāra Kriyā Bābājī in Saṃskṛta
श्री महावतार क्रिया बाबाजी अष्टोत्तर शत नामावली
श्री महावतार बाबाजी के दिव्य गुण एवम् दिव्य शक्तियों के वर्णन स्वरूप यह 108 नाम - श्री बाबाजी के पूजन एवम् अर्चन के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं, साथ ही यह पवित्र नाम विश्वभर के सभी क्रिया साधकों के लिए आध्यात्मिक आनंद एवम् प्रेरणा का स्त्रोत बन सके यही शुभ-कामनायें...
आप सभी के प्रेम पूर्ण प्रतिभाव के लिए धन्यवाद 🌹🙏🌹
"ॐ क्रिया बाबाजी नमः ॐ"
"जय बाबाजी"
॥अथ न्यासादि विधिः॥
ॐ अस्य श्री महावतार बाबाजी अष्टोत्तर शत नामावलि महामन्त्रस्य -
"ॐ" कार ऋषिः
श्री महावतार बाबाजी देवता
अनुष्टुप् छंदः
"ॐ" इति बीजम्
विश्वप्रेम इति शक्तिः
तारक ब्रह्म इति हृदयम्
वसुधैव कुटुम्बकम् इति कीलकम्
सत्य संकल्पम् इति अस्त्रम्
पुण्य कर्म इति कवचम्
एकमेव अद्वितीयम् इति परमो मन्त्रः
श्री महावतार चेतना संपर्क एवम् अवतरण हेतु पाठे विनियोगः
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"ॐ क्रिया बाबाजी नमः ॐ"
"जय बाबाजी"
॥अथ न्यासादि विधिः॥
ॐ अस्य श्री महावतार बाबाजी अष्टोत्तर शत नामावलि महामन्त्रस्य -
"ॐ" कार ऋषिः
श्री महावतार बाबाजी देवता
अनुष्टुप् छंदः
"ॐ" इति बीजम्
विश्वप्रेम इति शक्तिः
तारक ब्रह्म इति हृदयम्
वसुधैव कुटुम्बकम् इति कीलकम्
सत्य संकल्पम् इति अस्त्रम्
पुण्य कर्म इति कवचम्
एकमेव अद्वितीयम् इति परमो मन्त्रः
श्री महावतार चेतना संपर्क एवम् अवतरण हेतु पाठे विनियोगः
करन्यासः
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म अंगुष्ठाभ्याम् नमः
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म तर्जनीभ्याम् नमः
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म मध्यमाभ्याम् नमः
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म अनामिकाभ्याम् नमः
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म कनिष्ठिकाभ्याम् नमः
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म करतल-करपृष्ठाभ्याम् नमः
अंगन्यासः
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म हृदयाय नमः
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म शिरसे स्वाहा
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म शिखायै वषट्
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म कवचाय हुम्
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म नेत्र त्रयाय वौषट्
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म अस्त्राय फट्
ॐ सच्चिदेकम् ब्रह्म भूर्भुवः स्वः ॐ इति दिग्बंधः
अथ महागुरु ध्यान वंदन
वटविटपसमीपे भूमिभागेनिषण्णं, सकलमुनिजनानां ज्ञानदातारमारात्।
त्रिभुवनगुरुमीशं दक्षिणामूर्तिदेवं जनन मरण दुखच्छेद दक्षं नमामि॥
चित्रं वटतरोर्मूले वृद्धाः शिष्या गुरुर्युवा।
गुरोस्तु मौनं व्याख्यानं शिष्यास्तु छिन्नसंशयाः॥
(श्रीदक्षिणामूर्ति स्तोत्रम् श्लोक 11, 12)
जो वटवृक्ष के समीप भूमि भाग पर स्थित है, निकट बैठे हुए समस्त मुनिजनों को ज्ञान प्रदान कर रहे हैं, जन्म-मरण के दुःख का विनाश करने में दक्ष हैं, त्रुभुवन के गुरु और ईश हैं, उन भगवान् दक्षिणामूर्ति को मैं नमस्कार करता हूँ।
आश्चर्य तो यह है कि उस वटवृक्ष के नीचे सभी शिष्य वृद्ध हैं और गुरु युवा हैं। साथ ही गुरु का व्याख्यान भी मौन भाषा में है, किंतु उसी से शिष्यों के संशय नष्ट हो रहे हैं।
(माना जाता है कि इस स्तोत्र में श्रीमद् आदि शंकराचार्यजी ने अपने क्रिया दीक्षा गुरु श्री महावतार बाबाजी को ही भगवान् दक्षिणामूर्ति अर्थात् दक्षिण भारत में प्रकट हुए दिव्य गुरु के रूप में वर्णित किया है जो कि एक सांकेतिक वर्णन है।)
त्रिभुवनगुरुमीशं दक्षिणामूर्तिदेवं जनन मरण दुखच्छेद दक्षं नमामि॥
चित्रं वटतरोर्मूले वृद्धाः शिष्या गुरुर्युवा।
गुरोस्तु मौनं व्याख्यानं शिष्यास्तु छिन्नसंशयाः॥
(श्रीदक्षिणामूर्ति स्तोत्रम् श्लोक 11, 12)
जो वटवृक्ष के समीप भूमि भाग पर स्थित है, निकट बैठे हुए समस्त मुनिजनों को ज्ञान प्रदान कर रहे हैं, जन्म-मरण के दुःख का विनाश करने में दक्ष हैं, त्रुभुवन के गुरु और ईश हैं, उन भगवान् दक्षिणामूर्ति को मैं नमस्कार करता हूँ।
आश्चर्य तो यह है कि उस वटवृक्ष के नीचे सभी शिष्य वृद्ध हैं और गुरु युवा हैं। साथ ही गुरु का व्याख्यान भी मौन भाषा में है, किंतु उसी से शिष्यों के संशय नष्ट हो रहे हैं।
(माना जाता है कि इस स्तोत्र में श्रीमद् आदि शंकराचार्यजी ने अपने क्रिया दीक्षा गुरु श्री महावतार बाबाजी को ही भगवान् दक्षिणामूर्ति अर्थात् दक्षिण भारत में प्रकट हुए दिव्य गुरु के रूप में वर्णित किया है जो कि एक सांकेतिक वर्णन है।)
लमित्यादि पंच पूजा
"लं" पृथिवी तत्त्व प्रेम स्वरूपाय श्री महावताराय गन्धं प्ररिकल्ययामि।
"हं" आकाश तत्त्व प्रेम स्वरूपाय श्री महावताराय पुष्पम् प्ररिकल्पयामि।
"यं" वायु तत्त्व प्रेम स्वरूपाय श्री महावताराय धूपम् प्ररिकल्पयामि।
"रं" वह्नि त्तत्त्व प्रेम स्वरूपाय श्री महावताराय दीपम् प्ररिकल्पयामि।
"वं" अमृत तत्त्व प्रेम स्वरूपाय श्रीमहावताराय अमृतम् नैवेद्यम् परिकल्पयामि।
"सं" सर्व त्तत्त्व प्रेम स्वरूपाय श्री महावताराय ताम्बूलं आदि सर्वोपचारान् पररिकल्पयामि।
॥इति लमित्यादि पंच पूजा समाप्ताः॥
॥ॐ क्रिया बाबाजी नमः ॐ॥
ॐ ॐ ॐ
1. ॐ श्री भगवान बाबाज्यै नमः
2. ॐ श्री बुद्ध गुरवे नमः
3. ॐ श्री महामृत्युन्जयाय नमः
4. ॐ श्री सर्वज्ञानाय नमः
5. ॐ श्री बाबाजी क्रिया योग प्रसादकाय नमः
6. ॐ श्री भक्त वत्सलाय नमः
7. ॐ श्री बाबाजी अनंत काल जीविते नमः
8. ॐ श्री अभय प्रदाय नमः
9. ॐ श्री शक्ति प्रदाय नमः
10. ॐ श्री अनाथ नाथाय नमः
11. ॐ श्री प्रेम तत्व बोधकाय नमः
12. ॐ श्री क्रिया योग दायकाय नमः
13. ॐ श्री शंकराय नमः
14. ॐ श्री योगेश्वराय नमः
15. ॐ श्री चिन मुद्रा धराय नमः
16. ॐ श्री सर्व सिद्धि प्रदाय नमः
17. ॐ श्री क्रिया बाबाज्यै नमः
18. ॐ श्री सिद्ध योगी वन्दिताय नमः
19. ॐ श्री क्रिया योग पद्धति पुनः उद्धारकाय नमः
20. ॐ श्री महाकालेश्ववराय नमः
21. ॐ श्री आदि शंकर परम् गुरवे नमः
22. ॐ श्री जगत रक्षकाय नमः
23. ॐ श्री क्रिया योग संरक्षिणे नमः
24. ॐ श्री क्रिया योग प्रदाय नमः
25. ॐ श्री बाबाजी क्रिया योगीजन रक्षकाय नमः
26. ॐ श्री बाबाजी सर्व मदालिंग सद्गुरवे नमः
27. ॐ श्री प्रेम मूर्तये नमः
28. ॐ श्री बाबाजी योगासन प्रियाय नमः
29. ॐ श्री बाबाजी ज्ञान मुद्रा धराय नमः
30. ॐ श्री सत्य स्वरूपाय नमः
31. ॐ श्री निराकार गुरवे नमः
32. ॐ श्री काम क्रोध ध्वंसवे नमः
33. ॐ श्री शिव शक्ति रूपिणे नमः
34. ॐ श्री चित्त वृत्ति निर्वारिणे नमः
35. ॐ श्री प्रेम स्वरूपाय नमः
36. ॐ श्री लोक कल्याण गुरवे नमः
37. ॐ श्री बाबाजी अनन्त काल दीप्ताय नमः
38. ॐ श्री भक्त परिपालनाय नमः
39. ॐ श्री बाबाजी क्रिया योग सार प्रदाय नमः
40. ॐ श्री क्रिया योगीजन स्तुत्याय नमः
41. ॐ श्री कृष्णार्जुन संवाद क्रिया योग पुनरुद्धारकाय नमः
42. ॐ श्री बाबाजी नागराजाय नमः
43. ॐ श्री अति गंभीर रूपाय नमः
44. ॐ श्री शान्त मूर्तये नमः
45. ॐ श्री सर्वगुण सम्पन्नाय नमः
46. ॐ श्री जगत पितरे नमः
47. ॐ श्री सर्व दुख निर्वारिणे नमः
48. ॐ श्री बाबाजी क्रिया योग प्रदर्शकाय नमः
49. ॐ श्री काल कालाय नमः
50. ॐ श्री बाबाजी सुख शान्ति प्रदाय नमः
51. ॐ श्री भक्त हृदय वासिने नमः
52. ॐ श्री जगत परिपालकाय नमः
53. ॐ श्री बाबाजी सर्वेन्द्रिय दमनाय नमः
54. ॐ श्री सनातन धर्म रक्षकाय नमः
55. ॐ श्री सिद्धेश्वराय नमः
56. ॐ श्री बाबाजी महाकाय नमः
57. ॐ श्री क्रिया योगाचार्याय नमः
58. ॐ श्री बाबाजी सर्व जीव वासिने नमः
59. ॐ श्री आत्म स्वरूपाय नमः
60. ॐ श्री अगस्त्यर शिष्यने नमः
61. ॐ श्री बाबाजी परमुक्ताये नमः
62. ॐ श्री बाबाजी महिमात्मने नमः
63. ॐ श्री बाबाजी अति सुन्दर रूपाय नमः
64. ॐ श्री बाबाजी मोह माया विनाशकाय नमः
65. ॐ श्री बाबाजी अनन्त काल साक्षी भूताय नमः
66. ॐ श्री बाबाजी ज्योतिस्वरूपाय नमः
67. ॐ श्री बाबाजी क्रिया योग संपूर्णाय नमः
68. ॐ श्री बाबाजी कारुण्य मूर्तये नमः
69. ॐ श्री बाबाजी अन्नई समेत अनुगृहीताय नमः
70. ॐ श्री बाबाजी अन्न वस्त्र दाय नमः
71. ॐ श्री बाबाजी सर्व सिद्ध समष्टि स्वरूपाय नमः
72. ॐ श्री बाबाजी परम् गुरवे नमः
73. ॐ श्री बाबाजी सच्चिदानन्द रूपिणे नमः
74. ॐ श्री बाबाजी मदनन्तकाय नमः
75. ॐ श्री बाबाजी अद्भुत रूपाय नमः
76. ॐ श्री पुरुषोत्तमाय नमः
77. ॐ श्री बाबाजी अतीताय नमः
78. ॐ श्री बाबाजी कालातीताय नमः
79. ॐ श्री बाबाजी सिद्धि संकल्पाय नमः
80. ॐ श्री बाबाजी महा तेजस्विने नमः
81. ॐ श्री बाबाजी सर्व वर प्रदाय नमः
82. ॐ श्री बाबाजी अर्विन्द लोचनाय नमः
83. ॐ श्री कुतिल कुन्तल केशाय नमः
84. ॐ श्री अति सुन्दर वधनाय नमः
85. ॐ श्री साधु जन संरक्षणाय नमः
86. ॐ श्री बाबाजी सकल संशय विनाशिने नमः
87. ॐ श्री क्रिया योग सम्पन्नाय नमः
88. ॐ श्री बाबाजी सकल तत्व बोधकाय नमः
89. ॐ श्री बाबाजी अति कारुण्य प्रदर्शकाय नमः
90. ॐ श्री क्रिया योग संपूर्ण फल प्रदायकाय नमः
91. ॐ श्री बाबाजी पद्मासन स्थिताय नमः
92. ॐ श्री बाबाजी सर्व सृष्टि संरक्षणाय नमः
93. ॐ श्री अखिलेश्वराय नमः
94. ॐ श्री बाबाजी काल स्वामिने नमः
95. ॐ श्री अनन्ताय नमः
96. ॐ श्री बाबाजी पद्म दल नेत्राय नमः
97. ॐ श्री बाबाजी पूर्ण भाव ध्यान क्रिया योग प्रियाय नमः
98. ॐ श्री अवतार पुरुषाय नमः
99. ॐ श्री बाबाजी अहम् भाव दमनाय नमः
100. ॐ श्री ऋषि केशाय नमः
101. ॐ श्री क्रिया योगीजन वन्दिताय नमः
102. ॐ श्री बाबाजी मौन गुरवे नमः
103. ॐ श्री विश्वेश्वराय नमः
104. ॐ श्री सनातनाय नमः
105. ॐ श्री पुण्याय नमः
106. ॐ श्री बाबाजी मौन तत्व बोधकाय नमः
107. ॐ श्री अभेदानन्दानुभव प्रदाय नमः
108. ॐ श्री श्री श्री क्रिया बाबाजी नमो नमः
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
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